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विद्यार्थियों के लिए जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी हिंदी में | Motivational Story in Hindi for Students

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मेहनत के फल का महत्व

मेहनत के फल का महत्व:

एक नगर में प्रतिष्ठित व्यापारी रहते थे जिन्हें बहुत समय बाद एक पुत्र की प्राप्ति हुई थी।  उसका नाम राजकुमार रखा गया।  राजकुमार घर के सभी का दुलारा था । लंबे समय के इंतजार के बाद संतान का सुख मिलने पर घर के प्रत्येक व्यक्ति के मन में व्यापारी के पुत्र राजकुमार के प्रति विशेष लाड प्यार था।  जिसने राजकुमार को बहुत बिगाड़ दिया था l घर में किसी भी बात का अभाव नहीं था l राजकुमार की मांग से पहले ही उसकी सभी इच्छाएं पूरी कर दी जाती थीl शायद इसी के कारण राजकुमार को ना सुनने की आदत नहीं थी और ना ही मेहनत के महत्व का पता था l

राजकुमार ने जीवन में कभी अभाव नहीं देखा थाl इसलिए उसका नजरिया जीवन के प्रति बहुत अलग थाl और वही व्यापारी ने कड़ी मेहनत से अपना व्यापार बनाया थाl ढलती उम्र के साथ व्यापारी को अपने कारोबार के प्रति चिंता होने लगी थी l व्यापारी को राजकुमार के व्यवहार से प्रत्यक्ष था कि उसके पुत्र को मेहनत के फल का महत्व नहीं पताl उसे आभास हो चुका था कि उसके लाड प्यार ने राजकुमार को जीवन की वास्तविकता और जीवन में मेहनत के महत्व से बहुत दूर कर दिया हैl

गहन चिंतन के बाद व्यापारी ने निश्चय किया कि वह राजकुमार को मेहनत के फल का महत्व समय सिखाएगा, चाहे उसके लिए उसे कठोर ही क्यों नहीं बनना पड़ेl व्यापारी ने राजकुमार को अपने पास बुलाया और बहुत ही तेज आवाज में उससे बात की, उसने कहा कि तुम्हारा मेरे परिवार में कोई अस्तित्व नहीं हैl तुमने मेरे कारोबार में कोई योगदान नहीं दिया और इसलिए मैं चाहता हूं कि तुम अपनी मेहनत से धन कमाओ l तब ही तुम्हें तुम्हारा ध्यान के मुताबिक दो वक्त का खाना दिया जाएगाl यह सुनकर राजकुमार को ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ाl उसने उसे क्षण भर का गुस्सा समझ लिया l लेकिन व्यापारी ने भी ठान रखा थाl

उसने घर के सभी सदस्यों को आदेश दिया कि कोई राजकुमार की मदद नहीं करेगाl और ना ही उसे बिना धन के खाना दिया जाएगा l राजकुमार से सभी बहुत प्यार करते थेl जिसका उसने बहुत फायदा उठायाl वह रोज किसी न किसी के पास जाकर धन मांग लेताl और अपने पिता को दे देता, और व्यापारी उसे उन पैसों को कुएं में फेंकने को कहताl जिसे राजकुमार बिना किसी अड़चन के फेक आता l और उसे रोज भोजन मिल जाता था l

कई दिनों तक ऐसे ही चला रहा लेकिन अब घर के लोगों को रोज-रोज धन देना भारी पड़ने लगाl सभी उसे अपनी कनी काटने लगेl इस कारण राजकुमार को मिलने वाला धन कम होने लगाl और उसे धन के हिसाब से उसका भोजन भी कम मिलने लगाl एक दिन राजकुमार को किसी ने धन नहीं दिया और उसे अपनी भूख को शांत करने के लिए पास के गांव में जाकर कार्य करना पड़ाl उस दिन वह बहुत देर से थका हारा व्यापारी के पास पहुंचा और धन देकर भोजन मांगने लगाl

रोज के अनुसार व्यापारी ने उसे वह धन कुएं में फेंकने का आदेश दियाl जिसे इस बार राजकुमार ने स्वीकार नहीं किया और उसने पलट का जवाब दियाl पिताजी मैं इतनी मेहनत करके पसीना बहाकर इस धन को लाया और आपने मुझे एक क्षण में इस कुएं में फेंकने को कह दिया l यह सुनकर व्यापारी समझ गया कि आज राजकुमार को मेहनत के फल का महत्व समझ आ गया है l व्यापारी भली-भांति जानता था कि उसके परिवार वाले राजकुमार की मदद कर रहे हैंl तभी राजकुमार इतनी आसानी से धन कुएं में डाल देता थाl लेकिन उसे पता था कि एक न एक दिन सभी परिवारजन राजकुमार को धन देने से मन जरूर करेंगेl और उस दिन राजकुमार के पास कोई विकल्प नहीं बचेगाl उसे मेहनत करनी ही पड़ेगीl व्यापारी ने राजकुमार को गले लगा लिया और अपना सारा कारोबार उसे दे दिया और बोला बेटा अब तुम्हें मेहनत के फल का महत्व समझ आ गया हैl

कहानी की शिक्षा:

इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि आज के समय में अमीर वर्ग के परिवारों की संतानों को मेहनत के फल का महत्व पता नहीं होताl और ऐसे में यह दायित्व उनके माता-पिता का होता है कि वह अपने बच्चों को जीवन की वास्तविकता से अवगत करेंl लक्ष्मी उस घर में आती है जहां उसका सम्मान होता हैl मेहनत ही एक ऐसा हथियार है जो मनुष्य को किसी भी परिस्थिति से बाहर ला सकता हैl व्यापारी के पास इतना धन तो था कि राजकुमार और उसके आने वाली पीढ़ी बिना किसी मेहनत के जीवन आसानी से निकाल लेतेl लेकिन अगर आज व्यापारी अपने पुत्र को मेहनत का महत्व नहीं बताता तो एक न एक दिन व्यापारी की आने वाली पीढ़ी व्यापारी को जरूर कोसतीl

धन्यवाद!

Image by creativeart on Freepik

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