बच्चों के लिए पूछकटी लोमड़ी और मेंढक की कहानियां | Best Stories for Kids in Hindi

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बच्चों के लिए कहानियों का महत्व बेशक ही कोई नया विषय है, परंतु यह विशेष रूप से उनके मनोरंजन और शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विभिन्न रंगमंची कहानियां बच्चों की इमेजिनेशन को बढ़ाती हैं, उन्हें नए विचारों को सोचने के लिए प्रेरित करती हैं, और उनकी भाषा और शब्दावली को सुधारती हैं। इस लेख में, हम बात करेंगे बच्चों के लिए पूछकटी लोमड़ी और मेंढक की कहानियों के विभिन्न पहलुओं पर, जो उनके जीवन में ज्ञान, संवेदनशीलता, और मनोरंजन का संगम प्रदान करती हैं।

पूछ कटी हुई लोमड़ी:

एक बार, एक लोमड़ी पिंजरे में फंस गई। वह कठिन संघर्ष के बाद ही मुक्त हो सकी। लेकिन, उसके लिए दुख की बात यह रही कि उसकी सुंदर पूछ कट गई और पिंजर के अंदर ही रह गई। लोमड़ी बोली, अब मैं क्या करूंगी, मैं कितनी गंदी लगूंगी और सब लोमड़ियां मेरा मजाक उड़ाएंगी।

यह सोचकर, लोमड़ी ने अपने आप को सभी के मजाक बनने से बचने के लिए एक योजना बनाई। उसने अपने दोस्तों की एक सभा बुलाई और कहा भाइयों और बहनों, क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर हम इन लंबी पूछो को क्यों रखते हैं? चलो हम इन्हें काट दे और उनके झंझट से मुक्त हो जाए।

लेकिन अन्य लोमड़ियों ने उसकी कटी हुई पूछ देख ली थी। उन्होंने जोर से हंसते हुए उत्तर दिया “जब आपकी अपनी पूंछ ठीक थी तो आप कहती थी कि हमारी पूछ कितनी सुंदर लगती हैं। अब जब आपकी पूछ कट चुकी है तो आप चाहती है कि हम भी अपनी पूछ कटवा ले” इसके बाद सभी लोमड़ियां गर्व से अपनी बड़ी जबरीली पूछे ऊपर उठाकर वहां से चली गई।

कहानी से सीख: बुरे षड्यंत्र कम ही चल पाते हैं।

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दो मेंढक:

एक बार मेंढकों का एक समूह जंगल से गुजर रहा था। उनमें से दो मेंढक अचानक फिसल गए और एक गहरे गड्ढे में गिर गए। जब दूसरे मेंढकों ने देखा कि खाई बहुत गहरी है। तो उन्होंने मेंढकों को बताया कि वे करने वाले हैं।दोनों मेंढकों ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और अपनी पूरी शक्ति से गड्ढे से बाहर कूदने की कोशिश करने लगे। दूसरे मेंढक उन्हें रोकने और हार मानने के लिए कहते रहे। अंत में दोनों में से एक मेंढक ने ध्यान दिया कि दूसरे मेंढक क्या कह रहे थे और उसने हार मान ली। वह मेंढक वही मर गया। दूसरे मेंढक ने जितना वह कर सकता था, पूरी शक्ति लगाकर कूदना जारी रखा। एक बार फिर मेंढकों का समूह चुपचाप मर जाने के लिए उसे पर चिल्लाया। वह और जोर से कूदा और आखिरकार बाहर आ गया। जब वह बाहर निकाला तो दूसरे मेंढकों ने कहा “क्या तुमने हमें नहीं सुना?” मेंढक ने उन्हें बताया कि वह बहरा है। उसे लगा कि वह पूरे समय उसे मोटिवेट कर रहे हैं।

कहानी से सीख: कुछ भी बोलते समय सावधान सावधानी बरतनी चाहिए। विपत्ति में फंसे व्यक्ति के लिए नकारात्मक शब्द विनाशकारी हो सकते हैं। 

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