प्राचीन स्वास्थ्य दोहावली: पूर्वजों की 15 ऐसी कहावतें, जो लगा देगी आपके स्वास्थ्य में चार चांद

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prachin sawasthe dohawali

प्राचीन स्वास्थ्य दोहावली:

भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली एक समृद्धि और परंपरागती पुनरावृत्ति का प्रतीक है, जिसमें हमने शास्त्रों, तंत्रों और संस्कृति के सौंदर्य से समृद्ध जीवन के रहस्यों का संगम देखा है। इस अनगिनत खगोलीय देश में, स्वास्थ्य को लेकर हमारे पूर्वजों ने कई कहावतें बनाई हैं, जो हमें यह सिखाती हैं कि स्वास्थ्य का सम्बंध शरीर, मन और आत्मा के एक मेल के साथ है। इस लेख में, हम लेकर आएंगे 15 ऐसी दोहावलीयाँ जो हमारी बौद्धिक और शारीरिक स्वास्थ्य को समझाने में सहारा प्रदान करेंगी। इन कहावतों में छिपी अमृत बातें हमें यह बताएंगी कि हमारे पूर्वजों ने कैसे स्वास्थ्य को सबसे बड़ी धन और श्रेष्ठता माना है।

पानी में गुड डालिए
बीत चाय जब रात
सुबह छानकर पीजिए
अच्छे हो हालात.

प्रातः काल पानी पिए
घूट-घूट कर आप
बस दो-तीन गिलास है
हर औषधि का बाप है.

दही उड़द की दाल संग
पपीता दूध के संग
हो जाए एक साथ में
जीवन हो बदरंग.

धनिया की पत्ती मसल
बूंद आंख में डाल
दुखती अखियां ठीक हो
पल लगे दो चार.

ऊर्जा मिलती है बहुत
पिए गुनगुना नीर
कब्ज खत्म हो पेट की
मिट जाए हर पीर.

प्रातः काल फल रस लो
दोपहर लस्सी छाछ
सदा रात में दूध पियो
सभी रोग का हो नाश.

ठंडा पानी पियो मत
करता यह प्रहार
करे हजमें का सादा
यह तो बंटाधार.

घूट-घूट पानी पियो
रहो तनाव से दूर
एसिडिटी या मोटापा
होवे चकनाचूर.

चोकर खाने से सदा
बढ़ती तन की शक्ति
गेहूं मोटा पीसिए
दिल में बड़े विरक्ति.

प्रात: दोपहर लीजिए
जब नियमित आहार
30 मिनट की नींद लो
रोग ने आवे द्वार.

रक्तचाप बढ़ने लगे
तब मानो राय
सौगंध राम की खाई के
तुरंत छोड़ दो चाय

नींबू पानी का सादा
करता जो उपयोग
पास नहीं आते कभी
यकृत-आंत के रोग.

भोजन करके रात में
चलो कम हजार
डॉक्टर, ओझा, वैद्य का
लुट जाए व्यापार.

फल या मीठा खाई के
तुरंत न पीजे नियर
यह तब छोटी आंत में
बनते विषधर तीर.

लौकी का रस पीजिए
चोकर युक्त पिसान
तुलसी, गुड, सेंधा, नमक
हृदय रोग निदान.

कैसी लगी आपको यह दोहावली. कमेंट करके जरूर बताइए. धन्यवाद!

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