छोटे बच्चों की 20 कविता हिंदी में | Nursery Class 20 Poem in Hindi

Posted by

Table of Contents

Sharing is Caring
Poems for Nursery Kids | सुंदर कविता हिंदी में बच्चों के लिए
Poems for Nursery Kids | सुंदर कविता हिंदी में बच्चों के लिए

20 Poems for Nursery Kids | 20 सुंदर कविता हिंदी में बच्चों के लिए

इस ब्लॉग पोस्ट में हम बचपन की राहों में खो जाएंगे, जहाँ सपनों की उड़ानें आसमानों को छूती हैं और भावनाओं की भरपूर भेंटें होती हैं। हिंदी कविताओं के माध्यम से, हम बचपन की उन मिठी-मिठी यादों को चुनौतीपूर्ण और सुरीले अंगों से पिरोयेंगे।

यहाँ प्रस्तुत हैं 20 छोटी सी कविताएँ, जिनमें बचपन के रंग और उम्मीदों की खोज में हम सभी को भावनाओं से भरपूर यात्रा पर ले जाएंगे। इन कविताओं में छुपा है वह ताजगी और प्रेम, जो हर बच्चे की जिंदगी में एक खास जगह धारित करता है। चलिए, इस सफलता की यात्रा में हम साथ होकर, हर बचपन की एक अनूठी कहानी में खो जाएँ।

चिड़ियाँ हमें जगाती हैं Poem for Nursery Class:

चिड़ियाँ हमें जगाती हैं,
रोज सुबह उठ जाती हैं।
फिर वो दाना चुगनें जाती हैं,
समय समय पर घर आती हैं।
अपने बच्चों को दाना भी खिलाती हैं,
तिनका बीनकर घोसला बनाती है।
फिर शाम ढले नित्य एक समय से
सोने को वो जाती हैं।

भारत देश का नाम है Poem for Nursery Class:

भारत देश का नाम है,
तिरंगा झंडा इसकी शान है।
अलग-अलग हैं बोली-भाषा,
कहीं पहाड़, तो कहीं मैदान हैं।
बहुत बड़ा है देश हमारा,
परम्पराओं पर हमको अभिमान है।
अनेकता में एकता,
यही हमारा संविधान है।

नदी के जैसे सरल बनो Poem for Nursery Class:

नदी के जैसे सरल बनो,
पर्वत से तुम अडिग रहो।
सूरज जैसी आभा वाले,
चंदा जैसे शालीन बनो।
करो उपकार वृक्ष के जैसे,
परिश्रम करो तुम चींटी जैसा।
यह छः बातें जो तुम अपनाओ,
जग में ऊँचा नाम कमाओ।

बच्चो तुम हो प्यारे-प्यारे Poem for Nursery Class:

बच्चो तुम हो प्यारे-प्यारे,
जैसे होते है फल सारे।
सेब, अनार, पपीता खाओ,
जल्दी से सेहतमंद बन जाओ।
कैला, आम, तरबूज भी जो खाओ,
दिनभर की ताजगी पाओ।
संतरा, अंगूर, चीकू जो तुम खाओ,
मस्ती में फिर तुम खो जाओ।
ये सब फल मिलते हैं पेड़ों से,
फिर मिल-जुलकर सब पेड़ लगाओ।

होली है रंगो का त्यौहार Poem for Nursery Class:

होली है रंगो का त्यौहार,
ईद में सबको गले लगाओ,
राखी में मिलता है बहिनों का प्यार,
आयी दीवाली दीये जलाओ,
क्रिसमस पर खुशियाँ फैलाओ,
मिलकर सब त्यौहार मनाओ।

प से पापा, म से मम्मी Poem for Nursery Class:

प से पापा, म से मम्मी,
पापा- मम्मी रोज हमें जगाते है।
द से दादा- दादी,
गोदी मे घुमाते है।
न से नाना-नानी,
प्यार दुलार जताते है।
और घर में हैं जो अन्य सदस्य
हमको खूब खेल खिलाते हैं।

A B C D E F G Poem for Nursery Class:

A B C D E F G
दूध की बोतल मजे से पी
H I J K L M N
नित्य कर्म फिर करते हम
O P Q R S T
बड़ों की बातें मानो जी
U V W X Y Z
ऐसे ही सब कुछ सीखो जी।

एल्फा, बीटा, गामा Poem for Nursery Class:

एल्फा, बीटा, गामा,
मम्मी बोलती है
क्या कर रहे हो मेरे कान्हा।
H2 माने हाइड्रोजन,
O2 माने ऑक्सीजन,
जब मिलते हे ये दो यार,
बनाते है ये पानी(H2O)

डाॅक्टर अंकल Poem for Nursery Class:

डाॅक्टर अंकल जब भी आते,
सुई दिखाकर हमें डराते।
फिर प्यार से हमको वो सहलाते,
और बातों-बातों में सुई लगाते।
थोड़ा हँसाते, थोड़ा रूलाते,
हमको सेहतमंद बनाते।

हाथी राजा Poem for Nursery Class:

हाथी राजा मस्त मलंगी,
पर चींटी से वो डरते है।
पानी में नहाते हैं, 
बच्चों को खूब भाते हैं।
सून्ड है इनकी बडी ही प्यारी,
जो बच्चों को लुभाती है।
गन्ना इनको बहुत पसंद है,
बच्चों को हँसाते हैं।

चिड़ियों के थे बच्चे चार Poem for Nursery Class:

चिड़ियों के थे
बच्चे चार,
निकले घर से
पंख पखार।

पूरब से
पश्चिम को आए,
उत्तर से
दक्षिण को जाएं।

उत्तर दक्षिण
पूरब पश्चिम,
देख लिया
हमने जग सारा।

अपना घर
खुशियों से भरा,
सबसे न्यारा
सबसे प्यारा।

रोज सुबह सूरज आसमान में आकर Poem for Nursery Class:

रोज सुबह सूरज आसमान में आकर,
हम सबको नींद से जगाता है।

शाम हुई तो लाली फैलाकर,
अपने घर को चला जाता है।

दिन भर खुद को जला जलाकर,
यह प्रकाश फैलाता है।

कभी नहीं करता आलस्य,
रोज नियम से समय पर आता जाता।

कभी नहीं करता है घमंड,
बादलों के संग भी लुकाछिपी खेलता है।

उसका जीना ही जीना है,
जो काम सभी के आता है।

छुक छुक करती रेलगाड़ी Poem for Nursery Class:

छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी,
पो पो पी पी सीटी बजाती आयी,
इंजन है इसका भारी-भरकम।

पास से गुजरती तो पूरा स्टेशन हिलाती,
धमधम धमधम धमधम धमधम,
पहले धीरे धीरे लोहे की पटरी पर चलती।

फिर तेज गति पकड़ कर छूमंतर हो जाती,
लाल बत्ती पर रुक जाती,
हरी बत्ती होने पर चल पड़ती।

देखो देखो छुक छुक करती रेलगाड़ी,
काला कोट पहन टीटी इठलाता,
सबकी टिकट देखता फिरता।

भाग भाग कर सब रेल पर चढ जाते,
कोई टूट न पाए इसलिए,
रेलगाड़ी तीन बार सीटी बजाती।

छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी।

आओ हम सब झूला झूलें Poem for Nursery Class:

आओ हम सब झूला झूलें
पेंग बढ़ाकर नभ को छूलें

है बहार सावन की आई
देखो श्याम घटा नभ छाई

अब फुहार पड़ती है भाई
ठंडी – ठंडी अति सुखदायी

आओ हम सब झूला झूलें
पेंग बढ़ाकर नभ को छूलें

कुहू – कुहू कर गाने वाली
प्यारी कोयल काली – काली

बड़ी सुरीली भोली – भाली
गाती फिरती है मतवाली

हम सब भी गाकर झूलें
पेंग बढ़ाकर नभ को छूलें

मोर बोलता है उपवन में
मास्त हो रहा है नर्तन में

चातक भी बोला वन में
आओ हम सब झूला झूलें
पेंग बढ़ाकर नभ को छूलें

इब्न बतूता पहन के जूता Poem for Nursery Class:

इब्न बतूता पहन के जूता,
निकले है बड़ी शान से।

रास्ते में आया तूफान,
थोड़ी हवा नाक में घुस गई,
घुस गई थोड़ी कान में।

आंखों में मिट्टी फंस गई,
कभी नाक, कभी कान,
तो कभी आंख मलते इब्न बतूता।

इस बीच निकल पड़ा उनका जूता,
उड़ता उड़ता जा पहुंचा जापान में,
गिर पड़े संभल ना पाए।

इब्न बतूता देखते
रह गए आसमान में।

कालू मदारी आया Poem for Nursery Class:

देखो देखो कालू मदारी आया,
संग में अपनी बंदरिया लाया।

डम डम डम डम डमरू बजाया,
यह देख टप्पू चिंटू-पिंटू आया।

सुनीता पूजा बबीता आयी,
देखो देखो कालू मदारी आया।

फिर जोर-जोर से मदारी ने डमरू बजाया,
बंदरिया ने उछल कूद पर नाच दिखाया।

उल्टा पुल्टा नाच देख कर सब मुस्कुराए,
फिर सब ने जोर-जोर से ताली बजाई।

देखो देखो कालू मदारी आया,
संग में अपनी बंदरिया लाया।

गोल गोल यह लाल टमाटर Poem for Nursery Class:

गोल गोल यह लाल टमाटर
होते जिससे गाल टमाटर
खून बढ़ाता लाल टमाटर
फूर्ति लाता लाल टमाटर
स्वास्थ्या बनाता लाल टमाटर
मस्त बनाता लाल टमाटर
हम खाएँगे लाल टमाटर
बन जाएँगे लाल टमाटर.

लकड़ी का घोड़ा Poem for Nursery Class:

घो घो घो घोड़ा
लकड़ी का घोड़ा
चाबुक न कोड़ा
जब इसको मोड़ा
भागा ये घोड़ा
भागा ये घोड़ा
लकड़ी का घोड़ा
घो घो घो घोड़ा।

वह देखो वह आता चूहा Poem for Nursery Class:

वह देखो वह आता चूहा
आंखों को चमकाता चूहा
मूंछों में मुस्काता चूहा
लम्बी पूंछ हिलाता चूहा।
मक्खन रोटी खाता चूहा
बिल्ली से डर जाता चूहा।

यह भी पढ़े….

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *