बहुत सुंदर है यह कविताएं, इनको पढ़कर हो जाएगा आपका दिल खुश!

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चंडीगढ़: कविताएँ एक अद्भुत और सुंदर उपाय है अपने भावनाओं, विचारों और जीवन के रंग-बिरंगे पहलुओं को व्यक्त करने का। मेरी कविताएँ उम्मीद, जीवन और अन्य मुद्दों पर आधारित होंगी, जो जीवन की मंजिल के साथ-साथ मानवीय भावनाओं को छूने की कोशिश करती हैं। मेरी कविताओं में एक संदेश है, जो मानवता, आशा, और जीवन के सफर को दर्शाने की कोशिश करता है। स्नेह, संवाद और रस भरी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए मैं कोशिश करूंगा।

आस का मोती है मेरा दिल:

आस का मोती है मेरा दिल,
तुमसे इसकी चाह फली है l
मैंने तुमको बरसों चाहा,
फिर भी मैंने कुछ ना पाया,
जीवन की इस कठिन राह पर,
तुमको हर कदम दूर ही पाया,
लेकिन मेरी आस का पंछी,
तुमसे कुछ भी कह नहीं पाया,
आस का मोती है मेरा दिल,
तुमसे इसकी चाह फली हैl

तुमने मुझको हंसना सिखाया,
मेरे दिल में प्यार जगाया,
मेरी आशाओं में रंग भरे,
और डगर पर बढ़ाना सिखाया,
लेकिन मेरा दिल तो हमेशा,
तुम्हारी चाह में ठोकरे खाता रहा,
आस का मोती है मेरा दिल,
तुमसे इसकी चाह फली हैl

आशाओं के पंख लगा कर,
मेरे दिल में तुम ऑन समय समाए,
हवा बसंती बनकर तुम,
मेरे दिल पर तुम छाए,
लेकिन मेरे खाली दिल के,
मन मंदिर को कौन बसाए,
आस का मोती है मेरा दिल,
तुमसे इसकी चाह फली हैl

जिंदगी में गम की गहराई:

क्यों जिंदगी मुझे रुला देती हैl
न जाने क्यों यूं ही बस, यूं ही सुला देती हैl
सुबह उठकर, सूरज जैसा चमक जाता हूंl
घर से यूं ही न जाने क्यों, बस यूं ही निकल जाता हूंl
सूरज की तो मंजिल है, एक रास्ता हैl
मेरी ना कोई मंजिल है, न मेरा कोई रास्ताl
न मेरा कोई साथी है, न मेरा कोई कारवांl

दिन भर यूं ही, भटकता रहता हूंl
मैं तन्हाइयों में, एक अंजान से रास्ते पर, एक अनजाने सी मंजिल की ओरl
डूबता जाता हूं, मैं गम की गहराइयों मेंl
शाम ढले फिर लौट आता हूंl
चांद के जैसेl
करता हूं इंतजार तारों की टिमटिमाने काl
फिर सुबह सूरज के लौट आने काl

प्यार का मुस्कुराना:

तुम उस दिन एक पल रुक कर जरा मुस्कुराती,
बहार से सजी फूलों की डाली झुक जाती,
तुम नजर उठाती, फिर शर्मआती, हवा तो क्या, जमीन भी चलना भूल जातीl

इंसान तो क्या, फरिश्तों ने भी सर झुकाया होता,
जरा देर को चांद भी जमीन पर उतर आया होता,
सूरज ने जलना छोड़, धूप की जगह, चांदनी जमीन पर बरसाई होती,
भंवरे फूलों पर मंडराना भूल जाते,
कुछ लम्हे अपना गम भूल जाते,
तुम उसे दिन एक पल रुक कर जरा मुस्कुराती,
बहार से सजी फूलों की डाली झुक जातीl

कैसी लगी आपको यह कविताएंl कमेंट करके जरूर बताइए, धन्यवाद!

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