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शिक्षा में प्रेरणा और लगन का महत्व:
प्रतिभा प्रत्येक व्यक्ति में होती हैl शिक्षक उनकी सोई हुई प्रतिभा को जागृत करते हैंl प्रेरणा और प्रोत्साहन संभावनाओं के दरवाजे खोल देते हैंl अपनी लगन के अनुसार ही विद्यार्थी उसे ग्रहण करते हैंl गुरु द्रोणाचार्य ने एक जैसी शिक्षा सभी शिष्यों को दी थी किंतु सिर्फ अर्जुन ही सबसे महान योद्धा बनेl
महाभारत का एक किस्सा है-भ्राता भीम के साथ बैठकर, अर्जुन रात का भोजन कर रहे थेl तभी अंधेरा हो गया, अर्जुन घबराए और बोले “अब मैं भोजन कैसे करूंगा” किंतु स्वभाव के अनुसार हाथ उठा और खाना सीधा मुंह में गयाl वह बोले भैया दिखाई तो नहीं देता फिर भी मेरा हाथ सीधे मुंह में ही क्यों जाता है? ऐसा क्यों? भीम ने कहा-अर्जुन निरंतर अभ्यास करने से भोजन नाक को स्पर्श न कर, सीधे मुंह में ही जाता हैl इस बात से प्रेरणा लेकर अर्जुन ने अर्धरात्रि के घने अंधेरे में निरंतर तीर चलने का अभ्यास शुरू कर दियाl एक रात गुरु द्रोण ने धनुष की टैंकर सुनीl उन्होंने देखा अर्जुन आधी रात के घने अंधेरे में भी सही लक्ष्य कैसे भी भेज रहे हैंl गुरु द्रोण आश्चर्यचकित रह गए और उन्होंने अर्जुन से कहा कि यह विद्या तुम्हें नहीं सिखाईl अर्जुन ने उत्तर दिया कि गुरुजी शिक्षा तो अपने ही प्रदान की हैl लेकिन प्रेरणा भैया भीम के भजन वार्ता से मिलीl
भविष्य में उन्नति करने वालों के लक्ष्य पहले से ही दिखने लगते हैंl अर्जुन ऐसे ही विद्यार्थी थेl वह विश्व के महान धनुर्धर बने और महाभारत युद्ध में विजय श्री प्राप्त कीl
अतः सभी विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य प्राप्त प्राप्ति हेतु निरंतर प्रयास करते रहना चाहिएl
गुरु का महत्व:
यह घटना प्राचीन समय की हैl एक युवक साधना में लीन ऋषि के पास आयाl आते हैं उसने ऋषि से एक सवाल किया कि “मैंने सभी वेदों, शास्त्रों, पुराणों, उपनिषदों इत्यादि का गहन अध्ययन किया हैl इसके साथ ही रामायण और महाभारत को भी कंठस्थित कर लिया हैl मैं उन पर प्रवचन देने में भी सक्षम हूंl”
ऋषि इस कथन को सुनकर मंद-मंद मुस्कुराएl युवक ने ऋषि को कहा जब इतना सब ज्ञान का भंडार मेरे पास है, तो मुझे क्या किसी गुरु की आवश्यकता है? ऋषि युवक को हैरानी से देख रहा थाl तो उन्होंने युवक से कहा तुम कुछ दिनों पश्चात आना तब तुम्हें मैं इसका उत्तर दूंगाl यह सुनकर युवक चकित हुआ कि ऋषि ने अभी इसका उत्तर क्यों नहीं दियाl
कुछ दिनों पश्चात ही युवक ऋषि से मिलने फिर आया l ऋषि ने उसे एक पुस्तक थी और कहा इसे तुम्हें पास के शहर में पहुंचना हैl वह शहर नदी के दूसरी ओर हैl ऋषि ने युवक का मनोबल बढ़ाते हुए कहा तुम्हें किसी तरह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं हैl नदी के तट पर तुम्हें नाव के साथ दो नाविक भी तैयार मिलेंगे जो तुम्हें नदी के पार ले जाएंगेl वह युवक पुस्तक को सावधानीपूर्वक लेकर चल पड़ाl अगले दिन प्रात काल में नदी के तट पर पहुंचाl वहां नाव तैयार थी, नाविक भी उसका इंतजार कर रहे थेl नाव में सवार होते ही उसे तुरंत ध्यान आया कि उसे शहर का रास्ता तो मालूम ही नहीं हैl
वह बिना रास्ते के वहां पहुंचेगा? वह युवक वापस ऋषि के पास आया और शहर तक पहुंचाने का सबसे आसन मार्ग जानना चाहाl इस पर ऋषि ने व्यक्ति को कहा यही तुम्हारे प्रश्न का उत्तर है बंधु तुम्हारे पास साधन तो है पर जहां तुम जाना चाहते हो वहां किस मार्ग से पहुंचना है, उसकी तुम्हें जानकारी नहीं हैl तुम यह अच्छी तरह जानते हो कि तुम्हें जाना कहां है मगर रास्ते का पता न होने के कारण, तुम्हारे मन में शंका हैl
इसके लिए तुम्हें एक मार्गदर्शन चाहिए जो कि उसे रास्ते को जानता होl ठीक उसी तरह जैसे तुमने समस्त वेदों और पुराणों का अध्ययन तो कर लिया, पर उनकी महता को समझने के लिए तुम्हें गुरु की आवश्यकता है l युवक को अपनी बात का उत्तर ऋषि से मिल गयाl उसने ऋषि को प्रणाम किया और चरण स्पर्श किएl साथ-साथ ही उसने ज्ञान देने की प्रार्थना कीl ऋषि ने युवक को अपना शिक्षा बना लियाl युवक गुरु-भक्ति में लीन हो गयाl
किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सही मार्ग बिना गुरु के प्राप्त नहीं किया जा सकता हैl
दूसरों को आगे कैसे बढ़ाएं:
विकास की यात्रा अकेले संभव नहीं होतीl आगे बढ़ते रहने के लिए जरूरी है कि आप अपने साथ-साथ दूसरों को भी आगे बढ़ाएंl अपने संपर्क में आने वाले लोगों के जीवन को सकारात्मक ढंग से प्रभावित करेंl दूसरों को आगे बढ़ाने की सबसे बड़ी सुंदरता यह है कि आपको अपनी शक्ति कभी कमजोर नहीं लगतीl दूसरों के लिए आपका छोटा सा प्रयास उनकी जिंदगी को बना सकता हैl इस स्टोरी में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैंl बिंदुओं के आधार पर अपने जीवन को सकारात्मक रूप दे सकते हैंl इन बातों को अपने जीवन में धारण करें और अपने जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव महसूस करेंl
कुछ बिंदु इस प्रकार है:
- दूसरों के प्रयास में उनके संघर्ष की तारीफ करेंl
- हर समय दूसरों की आलोचना न करेंl
- अपनी जानकारी व कौशल को दूसरों के साथ शेयर करेंl
- कार्य के दौरान अपनी टीम के साथ मिलकर काम करेंl
- दूसरे लोगों की जानकारी, अधिकारों में विस्तार करें तथा महत्वपूर्ण निर्णय में उन्हें शामिल करेंl
- दूसरों को उनकी क्षमताओं और शक्ति से परिचित करेंl
- अपने सपनों को जिए और दूसरों को उनके सपने हासिल करने में मदद करेंl
- दूसरों को यह एहसास करवाए कि वे भी प्यार करने के योग्य हैl
- दूसरों से पेश आते समय अपने अहंकार पर नियंत्रण रखेंl
- उनकी सफलता में खुशी महसूस करें, उनकी उपलब्धि पर उन्हें बधाई दें तथा उनकी तारीफ करेंl
- अपनी सफलता को उनके प्रयासों के साथ जोड़ेंl
- आपसे सलाह या मदद की अपेक्षा होने पर पूरी ईमानदारी से उनके लिए कोशिश करेंl
- दूसरों की खुशी में ही आपकी खुशी हैl
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