बच्चों के लिए नैतिक शिक्षा सहित 10 छोटी कहानियाँ | Top 10 short moral stories in Hindi for kids

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Story 1: दोस्ती की महत्व

किसी गाँव में दो दोस्त रहते थे, राजू और मोहन। वे हमेशा एक साथ खेलते थे और एक दूसरे के साथ हर पल बिताते थे। एक दिन राजू अपने माता-पिता के साथ गाँव से बाहर जा रहा था। मोहन रोने लगा और राजू समझाने लगा, “तुझे मेरी आवश्यकता नहीं है, तू अपने दोस्तों के साथ खुश रहेगा।”

समय बितते-बितते, राजू ने नए दोस्त बनाए, लेकिन वे सब सिर्फ मजाक के लिए थे। उसकी खुशियाँ असली दोस्ती की यादों में खो गई। एक दिन राजू को समझ में आया कि असली दोस्ती का महत्व कुछ और होता है। उसने मोहन से मिलकर माफी मांगी और उनकी असली दोस्ती फिर से शुरू हुई।

मोरल: असली दोस्ती में selfishness की जगह नहीं होती, वो हमारे सबसे क़रीबी होते हैं और हमारे hard time में हमारे साथ होते हैं।

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Story 2: गरीब किसान की मेहनत

एक गांव में एक गरीब किसान रहता था। उसका पूरा दिन खेतों में मेहनत करने में गुजरता था। उसकी मेहनत का परिणाम उसके खेतों में दिखाई देता था, परंतु उसके पड़ोसी किसान सिर्फ आलस्य में ही रहते थे।

गरीब किसान का पैड़ोसी किसान के साथ तुलना करते हुए अच्छे दिन आने की उम्मीद से खेतों की मेहनत छोड़ दी। पूरे वर्ष बाद, हालात बिगड़ गए और खेतों में भारी बारिश हुई।

गरीब किसान के खेत फसल से भरे हुए थे और उसकी मेहनत ने उसे उन बुरे समय में भी सहायता प्रदान की। जबकि पड़ोसी किसान के खेतों में कोई फसल नहीं आई और उन्होंने बड़ी परेशानियों का सामना किया।

मोरल: मेहनत केवल अच्छे दिनों के लिए ही नहीं की जाती, बल्कि बुरे दिनों में भी उसका फल मिलता है।

Story 3: ईमानदार किसान की कहानी

एक छोटे से गांव में एक किसान रहता था। उसकी मेहनत और ईमानदारी के बारे में सब जानते थे। एक बार, उसके खेत में खुदाई के दौरान सोना मिला। किसान ने अपने गांव के सरपंच को सूचित किया और सोने को सरपंच के पास ले गया।

सरपंच ने सोने को देखकर चिंतित होकर किसान से कहा, “तूने सोने को देखकर नहीं छिपाया? बहुत सारे लोग होते जो इसे छिपा लेते।” किसान ने उसका उत्तर दिया, “महाशय, मैं जानता हूँ कि सोने का मूल्य क्या है, लेकिन मेरी ईमानदारी सोने से भी महत्वपूर्ण है।”

सरपंच ने इसकी प्रशंसा की और उसके ईमानदारी की सराहना की।

मोरल: ईमानदारी और आत्मसमर्पण हमारी सच्ची पहचान होती है, और वे हमें सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाते हैं।

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Story 4: खरगोश और कछुआ की मित्रता

एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहते थे। वे मित्रता से रहते थे और एक-दूसरे की मदद करते रहते थे। एक बार खरगोश को पता चला कि उसका दोस्त, कछुआ उसके घर में आ रहा है।

खरगोश ने देखा कि कछुआ बहुत धीरे-धीरे चल रहा था और उसके पास कई सामान थे। खरगोश ने कछुआ से पूछा, “तुम इतने धीरे-धीरे क्यों चल रहे हो और इतना सामान क्यों ले रहे हो?”

कछुआ ने मुस्कराते हुए कहा, “मैं तुम्हारे जितना तेज नहीं चल सकता हूं इसीलिए तुम कुछ सामान लेकर मेरी मदद करो। हम मिलकर साथ चलेंगे और सामान बांटेंगे, तो हम जल्दी से अपने मंजिल तक पहुँच सकते हैं।”

खरगोश ने कछुआ की सोच को समझा और उन्होंने साथ मिलकर सामान बांटने में मदद की। दोनों ने मिलकर मंजिल पर पहुँचने में सफलता पाई।

मोरल: आपसी सहायता से हम अपने लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त कर सकते हैं।

Story 5: आलस्य का परिणाम

एक बार की बात है, एक गांव में एक लड़का रहता था जो बहुत ही आलस्यी था। वह सबकी मदद करने की बजाय खुद के काम में बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं लेता था। वह सिर्फ घूमने और खेलने में ही समय बिताता था।

एक दिन, उसके पिता ने उसे एक पेड़ की देखभाल के लिए कहा। लड़का ने आलस्य में आकर कुछ नहीं किया। समय बीतते-बीतते, पेड़ किसी बीमारी से मर गया। लड़के को अब खुद के काम से बहुत दुख हुआ और उसने समझा कि आलस्य का परिणाम बहुत बुरा होता है।

मोरल: कामकाज में आलस्य बर्बादी की ओर ले जाता है, जबकि मेहनत सफलता की कुंजी होती है।

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Story 6: समझदार बच्चा

एक गांव में एक बच्चा रहता था जिसका नाम राजू था। वह बच्चा बहुत ही समझदार और चतुर था। एक दिन, उसके दोस्त उससे चिढ़ने लगे और कहने लगे कि वह किसी भी चीज़ को आंखे बंद करके पहचान सकता है।

राजू ने यह सुनकर सोचा कि वह यह सचमुच में कर सकता है या नहीं। उसने अपने दोस्तों को एक छोटी सी परीक्षा दी और उन्हें विभिन्न वस्त्र पहनाने की सलाह दी।

जब उन्होंने आंखें बंद की और वस्त्र पहने, तो उसने बिना देखे ही उनके वस्त्रों के रंग को सही तरीके से पहचान लिया। उसके दोस्तों ने उसकी समझदारी को स्वीकार किया और उससे माफी मांगी।

मोरल: समझदारी और ज्ञान हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद करते हैं।

Story 7: सहायता की महत्वपूर्णता

एक गांव में एक गरीब लड़का रहता था जिसका नाम रामू था। रामू का दिल बड़ा ही दयालु था और वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता था। एक बार, गांव में अचानक बाढ़ आ गई और लोगों को बड़ी परेशानी हो गई।

रामू ने अपनी कमजोरियों के बावजूद भी अपनी मेहनत से मदद करने का निश्चय किया। वह दूसरे लोगों के साथ मिलकर बचाने के लिए कई प्रयास किए और उन्होंने बड़े ही संघर्षपूर्ण परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त की।

उसकी मदद से बाढ़ से बचाये गए लोग उसकी सहायता का आभार जताते रहे और उसकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहे।

मोरल: दूसरों की मदद करना हमारे भीतर की मानवता की महत्वपूर्णता को दर्शाता है और यह समाज को साथ लाने में मदद करता है।

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Story 8: सत्य की महिमा

एक गाँव में एक बड़ा सांप बसा था। लोग उससे डरते थे, क्योंकि वो बड़ा ही खतरनाक था। एक दिन एक छोटे से गोलू नामक बच्चे ने उस सांप को पालक से देखा।

गोलू बच्चे ने देखा कि सांप के मुख से धुंध निकल रहा था। उसने सांप से पूछा, “आप इतने दुखी क्यों हो? क्या कुछ गलत हो गया है?”

सांप ने उसको सच्चाई बताई कि उसकी दंतों में एक दरार हो गई है, जिसकी वजह से वो खाना नहीं खा पा रहा था। गोलू ने आगे बढ़कर एक बड़े वैद्य को बताया और उसने सांप के दंतों की चिकित्सा की। सांप के दंत ठीक हो गए और वो फिर से खुशहाल हो गया।

मोरल: सत्य का पालन करने से हमें कभी भी परेशानी नहीं होती। चाहे जितनी भी मुश्किलें क्यों न हो, हमें सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।

Story 9: सही दिशा में प्रयास

एक गाँव में एक गरीब लड़का रहता था, जिसका नाम मोहन था। वह गरीबी के बावजूद भी पढ़ाई में रूचि रखता था। एक दिन, उसने एक अमीर व्यापारी से मिलकर उसे अपने बचपन की कहानी सुनाई।

अमीर व्यापारी ने कहा, “जब मैं बचपन में था, मेरे पास भी कुछ नहीं था। लेकिन मैंने सोचा कि मैं एक दिन अमीर बनूंगा। मैंने मेहनत की और अपने काम में ध्यान दिया। आज, मेरी मेहनत और सही दिशा में प्रयास ने मुझे यहाँ तक पहुँचाया है।”

मोहन ने इस कहानी से प्रेरणा ली और उसने भी अपने लक्ष्य की दिशा में प्रयास करना शुरू किया। वह मेहनत के साथ पढ़ाई करता रहा और सही दिशा में प्रयास करता रहा।

धीरे-धीरे, मोहन की मेहनत और उद्यमिता ने उसे सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उसने अपनी बचपन की इस कठिनाई को एक महत्वपूर्ण सीख माना कि मेहनत और सही दिशा में प्रयास से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

मोरल: यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सही दिशा में प्रयास करने से हम किसी भी स्थिति को पार कर सकते हैं। हालात चाहे जैसे भी हो, मेहनत, उम्मीद और सही दिशा में प्रयास से हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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Story 10: आपसी सहायता का महत्व

एक छोटे से गांव में तीन सखी रहती थीं, जिनके नाम रिया, सिया और मिया थे। वे तीनों बहुत ही खुशहाल और सजीव जीवन जीती थीं, लेकिन उनकी दिनचर्या में आपसी सहायता की आदत थी।

एक दिन, गांव में बड़ी भूखमरी आई और लोगों को भोजन की कमी हो गई। रिया, सिया और मिया ने मिलकर मानवता की सेवा करने का निश्चय किया। वे खुद खाना बांटने और गरीबों को भोजन प्रदान करने में लग गए।

उनकी सहायता से गांव के लोगों का पेट भर गया और उनकी सेवा के लिए सभी ने उन्हें प्रशंसा और आभार दिखाया।

आपसी सहायता ने उन तीनों को समृद्धि का अहसास दिलाया, क्योंकि वे ने अपने साथी और समाज की मदद करके सबका हित किया।

मोरल: आपसी सहायता से ही समृद्धि और समाज में उत्कृष्टि होती है, और हमें एक दूसरे की मदद करने में अपना सुख और सफलता प्राप्त होता है।

साथ ही, यदि आपके पास किसी विशेष विषय पर कहानी की आवश्यकता हो या आपके मन में कोई प्रश्न हो, तो कृपया हमसे संपर्क करें।

धन्यवाद, Team AaravHindi.Com

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