Essay on Sarojini Naidu in Hindi | सरोजिनी नायडू पर निबंध

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सरोजिनी नायडू: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महान नायिका | Essay on Sarojini Naidu in Hindi

Introduction:
सरोजिनी नायडू, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महान नायिका और कविता कला के प्रति अपने प्रेम के लिए याद की जाती है। वह एक उत्कृष्ट लेखिका, कवियत्री, और राजनीतिक नेत्री थीं जिन्होंने अपने योगदान से भारतीय समाज को एक नई दिशा दिखाने में मदद की।

Early Life:
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को का जन्म भारत के हैदराबाद नगर में हुआ था। इनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय एक नामी विद्वान,एक वकील और माध्यमिक शिक्षक थे तथा माँ कवयित्री थीं और बांग्ला में लिखती थीं।, जब भारत अंग्रेजी शासन के अधीन था। उन्होंने निजी रूप से कविता और साहित्य की पढ़ाई की और बहुत भाषाओं में माहिर बनीं।

साहित्यिक प्रवृत्ति:
सरोजिनी नायडू ने अपने जीवन के दौरान एक उत्कृष्ट साहित्यिक प्रमुख के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनकी पहली कविता “गोल्डन ट्रेजर” ने उन्हें सहित्य जगत में मान्यता दिलाई और उन्होंने एक उत्कृष्ट साहित्यिक की भूमिका में अपना लोहा बनवाया।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान:
सरोजिनी नायडू ने स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने गांधीजी के साथ मिलकर भारतीय समाज को आंदोलन के माध्यम से जागरूक करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सत्याग्रह और स्वदेशी आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आवाज उठाई।

भारतीय समाज में उनका प्रभाव:
सरोजिनी नायडू का प्रभाव भारतीय समाज में अद्वितीय था। उनकी लेखन शैली और उनके लेख भारतीय समाज को जागरूक करने के लिए एक नए दृष्टिकोण प्रदान करते थे। उनके काव्य में राष्ट्रीय भावनाएं और स्वतंत्रता के प्रति उनका प्रेम स्पष्ट रूप से दिखता है।

समाजसेवा और नेतृत्व:
सरोजिनी नायडू ने अपने जीवन में समाजसेवा और नेतृत्व के क्षेत्र में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए उठाए गए कदमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया और महिलाओं को सकारात्मक रूप से समाज में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। स्वाधीनता की प्राप्ति के बाद, देश को उस लक्ष्य तक पहुँचाने वाले नेताओं के सामने अब दूसरा ही कार्य था। आज तक उन्होंने संघर्ष किया था। किन्तु अब राष्ट्र निर्माण का उत्तरदायित्व उनके कंधों पर आ गया। कुछ नेताओं को सरकारी तंत्र और प्रशासन में नौकरी दे दी गई थी। उनमें सरोजिनी नायडू भी एक थीं। उन्हें उत्तर प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया।

Conclusion:
सरोजिनी नायडू एक ऐसी महिला थीं जो अपने योगदान से भारतीय समाज को जागरूक करने में मदद करने के साथ-साथ, स्वतंत्रता संग्राम में भी अपनी अमूल्य भूमिका निभाई। उनकी साहित्यिक रचनाएँ और उनका समर्पण आज भी हमें प्रेरित करता है और उनके योगदान को समझते हैं। सरोजिनी नायडू भारतीय इतिहास में एक ऐसी शक्तिशाली व्यक्ति थीं जिनका समर्पण और संघर्ष आज भी हमें प्रेरित करता है।

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